AN UNBIASED VIEW OF SHIV CHALISA LYRICS IN GUJARATI

An Unbiased View of shiv chalisa lyrics in gujarati

An Unbiased View of shiv chalisa lyrics in gujarati

Blog Article

अर्थ: हे प्रभु जब क्षीर सागर के मंथन में विष से भरा घड़ा निकला तो समस्त देवता व दैत्य भय से कांपने लगे (पौराणिक कथाओं के अनुसार सागर मंथन से निकला यह विष इतना खतरनाक था कि उसकी एक बूंद भी ब्रह्मांड के लिए विनाशकारी थी) आपने ही सब पर मेहर बरसाते हुए इस विष को अपने कंठ में धारण किया जिससे आपका नाम नीलकंठ हुआ।

अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥

स्तवं यः प्रभाते नरः शूलपाणे पठेत् सर्वदा भर्गभावानुरक्तः ।

स्वामी एक है आस तुम्हारी । आय हरहु अब संकट भारी ॥

कहे अयोध्या आस तुम्हारी । जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥

शिवाष्टकस्तोत्र को सुबह- शाम किसी भी दिन पढ़ सकते है।

अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥ 

कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥

शंकरं, शंप्रदं, सज्जनानंददं, शैल – कन्या – वरं, परमरम्यं ।

किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥

आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥

प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव…॥

अपना मुंह पूर्व दिशा में रखें और कुशा के आसन पर बैठ जाएं।

कठिन भक्ति more info देखी प्रभु शंकर। भये प्रसन्न दिए इच्छित वर॥

Report this page